सागर से पार होने की औषधि है राम नाम- कैलाश मंथन उत्पत्ति एकादशी से हरे राम संकीर्तन का हुआ शुभारंभ, प्रत्येक एकादशी को होगा सामूहिक नाम संकीर्तन


गुना। अंचल में उत्पत्ति एकादशी से 108 भक्तिों केंद्रों एवं मंदिरों पर हरे राम महामंत्र नाम जप का शुभारंभ हुआ। जिला मुख्यालय के हनुमान चौराहा, द्वारकाधीश मंदिर, चिंतन हाउस में भगवान श्रीराम की विधिवत पूजा अर्चना कर भगवन्नाम महामंत्र संकीर्तन का शुभारंभ किया गया। चिंतन हाउस में विराट हिन्दू उत्सव समिति के प्रमुख कैलाश मंथन ने पोषश अक्षर महामंत्र 'हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरेÓ नाम जप संकीर्तन का शुभारंभ करते हुए कहा कि संसार सागर से पार उतरने के लिए भगवन्नाम ही एक मात्र औषधि है। राम का नाम जीवन का अंतिम सत्य है। कलियुग में केवल नाम का आधार ही भवसागर से पार कर सकता है। लगातार अभ्यास से ही जीवन के अंत समय में भगवान का ध्यान रह सकता है। इसलिए भारतीय संस्कृति में पुराणों एवं शास्त्रों में नाम जप पर विशेष महत्व दिया गया है।
हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने बताया कि 108 भक्ति केंद्रों, प्रमुख मंदिरों पर प्रत्येक ग्यारस को सामूहिक संकीर्तन नाप जप के तहत वर्षभर देव उठनी ग्यारस तक कार्यक्रम चलते रहेंगे। श्री मंथन के मुताबिक भगवान का नाम संकीर्तन सब पापों का नाश करता है। वर्तमान समय में सनातन धर्म में फैलाई जा रही विकृतियों के फल स्वरूप आमजन पाखंड धर्म के चक्कर में पड़कर अपने जीवन का बहुमूल्य समय एवं धन अपव्यय कर रहा है। धार्मिक व्यवसायिकता के बढ़ते प्रभाव के चलते मानव मात्र के लिए दिशा निर्देशन करने वाले श्रेष्ठ गुरुओं का अभाव दिखाई देता है। ऐसे समय में श्रीमद् भगवद गीता भागवत में वर्णित कलियुग में फैल रहे पाखंड धर्म से बचने का साधन बताया है, भगवान श्री हरि के नाम संकीर्तन का निरंतर सतत स्मरण करना। इसी मकसद से चिंतन मंच के तहत नि:शुल्क श्रीमद् भगवद गीता रामचरित मानस आदि का वितरण करने के साथ अब 12 करोड़ हरेराम नाम जप संकीर्तन कार्यक्रम में सैकड़ों परिवार हिस्सेदारी कर रहे हैं।
शहर में वितरित की जा रही हैं जप लेखन पुस्तिकाएं
कार्यक्रम संयोजक कैलाश मंथन के अनुसार सतत नाम संकीर्तन से सात्विक विचारों का उदय होता है। अब तक लाखों नाम जप की सूचना प्राप्ति हो रही है। इसके लिए रात्रि सोते समय अथवा सुबह जागते समय ध्यान चिंतन करते समय अपने इष्ट के नाम मंत्र अथवा हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे, सीता राम अथवा गुरुमंंत्र का अखंड जाप कर सकते हैं। लगातार अभ्यास के लिए जप लेखन पुस्तिकाएं भी शहर एवं अंचल में वितरण की जा रही हैं।


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