गुना। महाशिवरात्रि पर केदारनाथ धाम में लगने वाले तीन दिवसीय मेले में तीन लाख से अधिक लोगों ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए। मेले के तृतीय दिवस पूर्णाहूति के अवसर पर हजारों भक्तों द्वारा एक स्वर से गुना जिले के पवित्र तीर्थ स्थल केदारनाथ धाम को पर्यटन स्थल का दर्जा दिए जाने की मांग प्रदेश सरकार एवं प्रशासन से की गई। विराट हिन्दू उत्सव समिति के प्रमुख कैलाश मंथन के मुताबिक प्रति वर्ष केदारनाथ धाम में लाखों लोगों की भीड़ भगवान शंकर के दर्शन को पहुंचती है। इस वर्ष केदारनाथ में उमड़ी भीड़ ने पिछले रिकार्ड ध्वस्त कर दिए। विराट हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने प्रदेश सरकार एवं प्रशासन से मांग की है कि अंचल के केदारनाथ धाम, निहाल देवी एवं बजरंगगढ़ को शीघ्र ही पर्यटन स्थल का दर्जा दिया जाए एवं दर्शकों व श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए वे तमाम मूलभूत सुविधाएं दी जाएं जो बड़े पर्यटन स्थलों पर हैं।
ध्यान वाली बात यह है कि इन स्थलों पर दर्शन करने नवरात्रि, संक्रांति एवं महाशिवरात्रि के दौरान लाखों लोग पहुंचते हैं। अति प्राचीन इन स्थलों पर सुरक्षा के कोई इंतजाम न होने से कीमती पुरा संपदा की चोरी लगातार जारी है। केदारनाथ धाम के प्रमुख रास्ते जर्जर हैं, झरनों से गिरने वाला जल सूखता जा रहा है। घाटी के स्खलन से कुंडों एवं मंदिर के मुख्य मार्ग में चट्टाने खिसकी पड़ी हैं। मेले में भारी भीड़ के चलते विराट हिन्दू उत्सव समिति के तहत केदारनाथ को पर्यटन स्थल बनाए जाने के लिए जनभावनाओं के अनुसार अभियान छेड़ा गया। इस अभियान में हजारों श्रद्धालुओं ने एक स्वर से केदारनाथ को पर्यटन स्थल बनाए जाने की मांग प्रशासन के समक्ष रखी। तीन दिवसीय मेले के दौरान बसों एवं वाहन मालिकों ने मनमाना किराया वसूला। हिउस प्रमुख कैलाश मंथन ने कंट्रोल रूम से मेले का संचालन किया एवं श्रेष्ठ व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, मीडिया एवं अन्य विभागों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
धार्मिक मेले हमारी सामाजिक एकता के परिचायक - मंथन
केदारनाथ में तृतीय दिवस को श्रद्धालुओं ने देर शाम तक भोलेनाथ का अभिषेक किया। इस अवसर पर आयोजित ओम नम: शिवाय जप की पूर्णाहूति के दौरान हिउस अध्यक्ष कैलाश मंथन ने कहा कि विशेष पर्वों के दौरान लगने वाले धार्मिक मेले हमारी सामाजिक एकता के परिचायक हैं। इन प्राचीन पर्व मेलों के दौरान विभिन्न जाति धर्म संप्रदाय के बीच सांप्रदायिक सौहार्द, एकता, सद्भाव, राष्ट्रभक्ति की भावना जाहिर होती है। कुंभ, सिंहस्थ, महाशिवरात्रि, रामनवमीं, नवरात्रि, जन्माष्टमी, होली एवं अवतारों के जन्मदिवस आदि पर लगने वाले मेलों से भारतीय सामाजिक व्यवस्था सुदृढ़ होती है। धर्म संस्कृति की रक्षा का संकल्प समाज लेता है। ओम नम: शिवाय अथवा ओम नमो भगवते वासुदेवाय का ध्यान मन को निर्मल करके आत्म साक्षात्कार करवाता है। इसीलिए विभिन्न अवसरों पर आडंबर रहित अखंड नाम जप का आव्हान किया जाता है। नाम जप अभियान सरल साधन है। इसमें छोटे बच्चों से लेकर परिवार सहित ईश्वर का भजन किया जाता है।
हजारों लोगों ने की केदारनाथ को पर्यटन स्थल बनाने की मांग 3 लाख से अधिक भक्तों ने किये भोले के दर्शन, पिछले रिकार्ड ध्वस्त केदारनाथ धाम, निहाल देवी एवं बजरंगगढ़ को शीघ्र ही पर्यटन स्थल बनाया जाए- कैलाश मंथन तीन दिवसीय केदारनाथ मेले का हुआ भव्य समापन