गुना। महाशिवरात्रि पर्व पर अंचल के प्राचीन शिवालयों एवं केदारनाथ धाम में आस्था का जनसैलाब उमड़ा। विराट हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष कैलाश मंथन के मुताबिक शुक्रवार को प्रात: काल तड़के से ही शिव मंदिरों में रूद्राभिषेक एवं ओम नम: शिवाय महामंत्र के अखंड जाप शुरू हुए। केदारनाथ धाम, मालपुर सहित प्रमुख शिवालयों में हिउस कार्यकर्ताओं ने श्रद्धा भक्ति पूर्वक भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की एवं व्यवस्थाओं में अपनी सेवाएं अर्पित की। तगड़ी सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच हमारों श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम में भगवान शिव के दर्शन किए।
हिउस प्रमुख कैलाश मंथन के नेतृत्व में शिवालयों में सैकड़ों कार्यकर्ता जनता की सुख सुविधा के लिए प्रात: से ही सेवाएं प्रदान करते रहे। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कैलाश मंथन ने कहा कि कलियुग में कल्याण प्राप्ति का एकमात्र साधन है भगवान का नाम जाप। शिव की आराधना से कल्याण की प्राप्ति होती है। ओम नम: शिवाय कल्याणकारी महामंत्र है सबसे जल्द प्रसन्न होने वाले देव हैं महादेव। ऐसे समय में जब धर्म में पाखंडवाद पनप रहा है लोग कर्मकांड के नाम पर ठगे जा रहे हैं आम जनता के लिए नाम जप सहज सुलभ रास्ता है। भोलेनाथ की भक्ति में श्रद्धा सुमन के साथ उनके महामंत्र ओम नम: शिवाय का जाप सरल साधन है।
श्री मंथन ने कहा कि धार्मिक मेले भारतीय संस्कृति की महत्वपूर्ण विरासत हैं, ऐसे आयोजनों से धार्मिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलता है एवं देश व धर्म के प्रति भक्तिभाव जाग्रत होता है। भगवान शिव महाकाल की भक्ति से कल्याण की प्राप्ति होने के साथ सुख-समृद्धि एवं मानसिक शांति प्राप्त होती है। शिवरात्रि के दूसरे एवं तीसरे दिन आदिवासी ग्रामीणों की भारी उपस्थिति रहती है। केदारनाथ क्षेत्र में जंगल में मंगल के साक्षात दर्शन होते हैं। अल सुबह से ही दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है। जो लगातार तीन दिन तक चलता है। हिउस प्रमुख ने बताया कि मेले का समापन 23 फरवरी को होगा।
केदारनाथ सहित शिवालयों पर उमड़ा जनसैलाब महाशिवरात्रि पर्व पर हुआ ओम नम: शिवाय का अखंड जाप विराट हिन्दू उत्सव समिति के तहत हुए शिवाभिषेक एवं बौद्धिक कार्यक्रम शिव की आराधना से होती है कल्याण की प्राप्ति - कैलाश मंथन धार्मिक मेले भारतीय संस्कृति की महत्वपूर्ण विरासत - कैलाश मंथन