गुना 05 फरवरी / जिला मुख्यालय पर चिकित्सक टी.बी. सुपरवाईजर हेतु क्षय नियत्रण कार्यक्रम एवं कोरोना वायरस को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें रिवाईज्ड पीएमडीटी गाईडलाईन एवं एक्टिव केस फाईडिंग पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। क्षय नियत्रण संबंधि प्रशिक्षण डॉ. आर.एस. राजपूत जिला क्षय अधिकारी द्वारा दिया गया। उक्त प्रशिक्षण में ओरल लॉगर रेजीमन के बारे में बताया गया ।
कोरोना वायरस को लेकर प्रशिक्षण डॉ. मनीष शर्मा एवं श्री सतेन्द्र रघुवंशी द्वारा दिया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.पी. बुनकर ने बताया कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। सिर्फ सचेत रहना है। इसे चीन से आये व्यक्ति या उनके संपर्क में आये किसी व्यक्ति या अन्य किसी प्रभावित देश में सीधे संपर्क अन्य व्यक्ति में संभावित किया जाकर स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके सामान्य लक्षणों में गंभीर श्वसन संक्रमण से पीडित भर्ती मरीज जिसे खांसी व बुखार की तकलीफ रही है तथा जिसका कारण स्पष्ट न हो रहा हो। तेज बुखार के साथ खांसी, गले में खराश सांस फूलना आदि। लक्षण प्रकट होने के पहले 14 दिन के भीतर चीन के प्रभावित देश या क्षेत्र का भ्रमण किया हो। मरीज जिसमे असंभावित लक्षण प्रकट हो रहे हों व सभी संभव इलाज के पश्चा भी हालात में सुधार न हो रहा हो व कारण स्पष्ट न हो पा रहा हो तथा जिसकी ट्रेवल हिस्ट्री भी न हो।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.पी. बुनकर ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी को सर्दी, खांसी, जुखाम एवं बुखार है तो भीड भाड वाले इलाके में जाने से बचें। खांसते समय मुंह पर रूमाल रखें, यदि रूमाल नहीं है तो अपनी कोहनी की तरफ मुह कर खांसे, अनावश्यक हाथ मिलाने से बचें। साथ ही यदि आवश्यक कार्य न हो तो घर पर ही आराम करें। बीमारी होने पर चिकित्सक की सलाह लें। हाथ साबुन से धोयें आदि।
सिविल सर्जन डॉ. एस.के. श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि उक्त बीमारी से बचाव हेतु जिला चिकित्सालय, गुना में पृथक से आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यदि इस तरह का काई संभावित मरीज आता है तो उसकी स्क्रीनिंग कर उसे आवश्यकतानुसार आईसोलेशन वार्ड में रखकर निगरानी एवं उपचार किया जाएगा। साथ ही इस प्रकार के मरीज की जांच हेतु थ्रोट स्वाव लिया जाकर उच्च स्तरीय संस्था में जांच हेतु भेजा जाएगा। कोरोना वायरस की जिले की गतिविधियों हेतु डॉ. पीएन धाकड को जिला नोडल अधिकारी एवं डॉ. गौरव तिवारी को वार्ड प्रभारी बनाया गया है। साथ ही कंट्रोल रूम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में स्थापित किया गया है। जिसका प्रभारी श्री सत्येन्द्र रघुंवशी एपिडिमियोलॉजिस्ट को बनाया गया है। साथ ही विभिन्न स्तरों पर चिकित्सकों एवं स्टाफ को भी प्रशिक्षित जा रहा है।
इस अवसर पर डॉ. अनिल विजयवर्गीय, समस्त बी.एम.ओ., मेडिकल ऑफिसर एवं अन्य स्