सरकार पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें- कैलाश मंथन अभिव्यक्ति की आजादी ही राष्ट्र को महान बनाती है- कैलाश मंथन विश्व प्रेस दिवस पर हुआ प्रेस की आजादी पर चिंतन

 


गुना। जब भी देश और दुनिया में संकट की स्थिति निर्मित हुई है भारत की प्रेस, मीडिया एवं पत्रकार जगत ने जान की परवाह न करके अभिव्यक्ति की आजादी एवं मानवता की रक्षा के लिए अपनी आहूति प्रदान की है। अंतर्राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर चिंतन मंच के संयोजक वरिष्ठ पत्रकार कैलाश मंथन ने कहा कि दुनियाभर में 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह दिन हर वर्ष प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। हर विषम परिस्थितियों में भी भारत के पत्रकार घबराए नहीं। तानाशाही अथवा भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद कर लिखने बोलने की आजादी की रक्षा की। इस अवसर पर चिंतन हाउस सर्राफा बाजार में मां सरस्वती की पूजा की गई एवं मीडिया के साथियों के साथ विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर विचार विमर्श किया गया। कोरोना संकट में लॉकडाउन के चलते प्रेस द्वारा किए जा रहे कार्य की तहेदिल से सराहना की गई। इस अवसर पर सरकार एवं प्रशासन से मीडियाकर्मियों की पूर्ण सुरक्षा, आर्थिक सहायता एवं उनकी सेहत की चिंता करने की मांग की गई। चिंतन मंच एवं मीडिया प्रेस से जुड़ी संस्थाओं की ओर से भयावह हालातों में मुस्तैदी से जुटे मीडियाकर्मियों का सम्मान किया जाएगा। वर्तमान में प्रेस में बढ़ रहे व्यवसायिक युग में कार्पोरेट जगत के हित साधन के लिए पत्रकारों के शोषण पर चिंता जाहिर की गई।
श्री मंथन ने कहा कि 3 मई का दिन दुनियाभर की सरकारों को 1948 के मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा के अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करने और उसे बनाए रखने के लिए अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है। यूनेस्को महासम्मेलन की अनुशंसा के बाद दिसंबर 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मई को प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की थी। तभी से हर साल 3 मई को ये दिन मनाया जाता है।




सैनिकों की शहादत पर चिंतन मंच ने दी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
गुना। चिंतन मंच के तहत हंदवाड़ा में 5 सैनिकों की शहादत पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी गई। संयोजक कैलाश मंथन ने कहा कि जिस समय सारे राष्ट्र में संकट की घडिय़ों में कोरोना वीरों को सम्मान दिया जा रहा था। ऐसे समय पर आतंकवादियों द्वारा कायरना हमला निंदनीय है। सेना को अविलंब ऐसे समस्त आतंकवादियों के सफाये के लिए कड़े कदम उठाना चाहिए।  


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